अयोध्या।
राम जन्मभूमि मामले में मस्जिद पक्ष के पैरोकार रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी निर्माण शीघ्र शुरू होने के प्रयासों का स्वागत कर रहे हैं। राम मंदिर की नींव रखने की रस्म में शामिल होने का निमंत्रण मिलते ही उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भगवान राम की इच्छा थी कि मुझे पहला निमंत्रण मिला। मैं इसे स्वीकार करता हूं। मोहम्मद इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री को रामनामी एवं रामचरितमानस भेंट करने को कहा है। उन्होंने कहा कि मैं भी प्रधानमंत्री के स्वागत को उत्सुक हूं, और इसके लिए रामनामी एवं मानस जैसी अयोध्या की अनमोल धरोहर लेकर आया हूं।
मोहम्मद इकबाल ने कहा रामनामी हो या रामचरितमानस यह जितना हिंदुओं के लिए आदर योग्य है उतना ही मुस्लिमों के लिए भी आदर योग्य है। अपने वालिद के बनाए रास्ते पर चलते रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी पिता हाशिम अंसारी के बाद मोहम्मद इकबाल ने अदालत में मस्जिद की पैरोकारी की। लेकिन उनके दिल में हमेशा रमलला के लिए सम्मान रहा।
2010 में हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद मंदिर मस्जिद की रार चरम पर थी। तब हाशिम ने सीना ठोक कर कहा कि वे कोर्ट का हर निर्णय मानेंगे। भले ही फैसला रामलला के हक में आया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो हाशिम ने खुलकर कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं, वह उनका मंदिर वही बनना चाहिए। 20 जुलाई 2016 को उनका इंतकाल हो गया। इसके बाद मोहम्मद इकबाल अंसारी ने वालिद के दिखाए रास्ते पर चल पड़े। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उन्होंने दिल खोलकर स्वागत किया।
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