झारखण्ड राज्य

नवजात शिशु को जिंदा दफना दिया, रोने की आवाज सुन राहगीर ने बचाई जान

लोहरदगा, झारखंड।

“जाको राखे साइयां मार सके ना कोई” यह कहावत लोहरदगा में शनिवार को चरितार्थ हो गई। श्मशान में एक नवजात दफन था, गनीमत रही कि समय रहते नौजवान को मिट्टी से बाहर निकाल लिया गया। इधर इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बाल कल्याण समिति गांव पहुंच गई है, फिलहाल नवजात सुरक्षित है और गांव के एक परिवार के पास है। यह परिवार नवजात को रविवार को कुडू थाना पुलिस के हवाले करेगा। वो तो नवजात की किस्मत अच्छी रही कि दफन करने वाले ने उसे आधा अधूरा ही दफन किया था। नवजात के रोने की आवाज आ रही थी वहां से जो राहगीर गुजर रहे थे उनको आवाज सुनाई दी। और यह रोने की आवाज एक व्यक्ति के कानों में गई. उसने नवजात को सुरक्षित निकाल लिया। जब इस मामले की जानकारी कुडू थाना पुलिस को हुई तो पुलिस के भी होश उड़ गए। लोहरदगा जिले के कुडू थाना क्षेत्र के चंदलासो डैम के समीप स्थित श्मशान घाट में शनिवार की शाम एक जिंदा नवजात शिशु जमीन में दफन मिला। जमीन में नवजात का शिशु दफन मिलने की सूचना पर आसपास के ग्रामीण जमा हो गए। श्मशान में मिट्टी में दफन नवजात के मिलने की सूचना पर थाना प्रभारी अनिल उरांव, एसआई मुरारी कुमार पहुंचे और मामले की जानकारी ली। थाना प्रभारी अनिल उरांव का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। नवजात के माता-पिता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।

थाना प्रभारी ने रात भर के लिए गांव के एक परिवार प्रकाश लोहरा को बच्चे की देखरेख की जिम्मेवारी दी है। रविवार की सुबह थाना प्रभारी अनिल निरीक्षक मुरारी कुमार, बाल कल्याण समिति के बाल कृष्ण सिंंह, सुदर्शन साहू, कुंती साहू, वीरेंद्र कुमार, नंदलाल प्रसाद श्मशान घाट पहुंचे और छानबीन की।

गांव से उस बच्चे को लेकर इलाज के लिए रांची भेज दिया गया है। सिंह ने बताया कि जिसने भी बच्चे को मिट्टी में दफनाया है, वह अपराध है। उन्होंने कहा कि बच्चे को रांची केंद्र में ले जाया जाएगा। फिलहाल बच्चे को इलाज की जरूरत है। मिट्टी में काफी समय रहने के कारण उसे कीड़े एवं चीटियों ने काफी काट लिया है।